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Hindenburg Report: जेल से बाहर आते ही सक्रिय हुए मनीष सिसोदिया, कहा- ‘क्या आप साहस दिखा पाएंगे?’

Hindenburg Report: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जेल से बाहर आने के बाद राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया साइट ‘X’ पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी है। मनीष सिसोदिया ने लिखा कि यदि ये खुलासे सही हैं तो यह समझना आसान है कि ‘विकसित भारत’ के नारे के पीछे किसका विकास हो रहा है।

मनीष सिसोदिया ने आगे लिखा, “लेकिन, यदि ये खुलासे सच्चे हैं तो तानाशाही के दौर में क्या इसकी निष्पक्ष जांच होगी? क्या ईडी और सीबीआई कभी इसे जांचने का साहस दिखाएगी? या ईडी-सीबीआई सिर्फ विपक्षी नेताओं और उन व्यापारियों को झूठे मामलों में फंसाने और जेल में डालने के लिए ही है जो दान नहीं करते?”

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जांच के लिए JCP की मांग

मनीष सिसोदिया के इस बयान के बाद ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आई है। इससे पहले, आप सांसद संजय सिंह ने केंद्रीय सरकार, सेबी अध्यक्ष, पीएम मोदी और अन्य पर हमला किया और कहा कि देश के लोगों के हजारों करोड़ रुपये खो गए हैं। पूंजीपति दोस्तों ने नकली कंपनियों के माध्यम से हजारों करोड़ रुपये मौरिशस में निकाल लिए। इस पर केवल केंद्रीय सरकार जिम्मेदार है।

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संजय सिंह ने कहा कि इसकी निष्पक्ष जांच केवल तब संभव है जब पीएम मोदी अपने पद से इस्तीफा दें। उन्होंने मांग की कि जो लोग देश के लाखों करोड़ रुपये की हेराफेरी में शामिल हैं, क्या उनकी जांच एक संयुक्त संसदीय समिति द्वारा की जाएगी। इससे पहले, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर केंद्रीय सरकार पर हमला किया और कहा कि हिंडनबर्ग की नई रिसर्च रिपोर्ट 2022 की दो बैठकों पर सवाल उठाती है, जो सेबी अध्यक्ष के रूप में बुक की नियुक्ति के तुरंत बाद पूंजीपतियों के दोस्तों द्वारा की गई थीं।

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